लव जिहाद रूकता क्यों नहीं?

 लव जिहाद रूकता क्यों नहीं?


  लव जिहाद की घटनाएं बढ रही है पर ये भी सच है कि इसके प्रति हिंदू समाज में जागरूकता बढ़ रही है। अब लव जिहाद का षडयंत्र उजागर हो रहा है। जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले बहुत से लोगों ने इस समस्या को निकट से देखा है। लव जिहाद से बचने के लिए बहुत सी सकारात्मक बातें सामने आई हैं। धर्म योद्धाओं द्वारा किए गये प्रयासों में सफलता भी मिल रही है। 

पर लव जिहाद के मामले कम नहीं हो रहें हैं। इसके और भी पक्षों पर विचार करना शेष है। इस लेख में हम उन बातों पर गौर करेंगे जो सम्भवतः छूट रही है। 

      ये बात सही है कि जिहादियों द्वारा पूरी योजना के साथ लव जिहाद को किया जा रहा है। उनकी पूरी तैयारी है। ज़मीन से लेकर जज तक सभी जगह उनकी घुसपैठ है। हिंदू धर्म योद्धाओं द्वारा पूरा प्रयास भी किया जा रहा है। पर मेरे विचार में कुछ ऐसे पक्ष भी है जिसके कारण यह फैल रहा है। 

    १) धर्म के प्रति और धार्मिक ज्ञान के प्रति लोगों की उपेक्षा भी एक कारण है। इसका एक कारण है धर्मनिरपेक्षता का हिंदूओं में अत्यधिक प्रचार प्रसार होना और इसका विरोध नहीं करना। एक षडयंत्र तहत हिंदू समाज पर धर्म निरपेक्षता थोपी जाती है। धर्म निष्ठ साधु संत पर सवाल उठाए जाते हैं और हिंदू विचार और मान्यताओं को निशाना बनाया जाता है। ऐसा नहीं है कि हिंदू धर्म गुरु प्रतिकार नहीं करते हैं बल्कि वे उचित रूप से उत्तर देते हैं पर उन्हें उतना प्रतिसाद नहीं मिलता क्योंकि अधिकांश संचार माध्यम पर वामपंथियों का कब्ज़ा है। जिसके कारण देखने और सुनने वालों के मन में धर्म के प्रति संदेह का निर्माण होता है। अधिक आयु वाले हिंदू भी इस चीज का शिकार हैं तों छोटी आयु के और नवयुवकों पर तो इसका प्रभाव पड़ता ही है। कुछ कालनेमी जो साधु संत का रूप ले कर प्रवचन करते हैं वे सबसे अधिक हानि पहुंचा रहे हैं। यदि कोई संत या धर्माचार्य अपने मंच से धर्म के पक्ष में और अधर्म के विरोध में बोलता है तो उनको लक्ष्य बनाकर खूब प्रचार प्रसार करवाया जाता है और उनकी छवि एक खलनायक के रूप में दिखाने का का प्रयास किया जाता है। बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री जी इसका एक उदाहरण है।  

       इन्हीं कारणों से हिंदू समाज में धर्म के प्रति अज्ञानता बनी रहती है क्योंकि एक षडयंत्र के तहत सच्चे साधु संतों को पीछे ही रखा जाता है और छद्म गुरुओं को वरीयता दी जाती है। इसका सबसे अधिक हमारे समाज की युवतियों और महिलाओं पर पड़ता है। जिसके कारण इनके अंदर हमारे देवी देवताओं और धर्म के प्रति गलत सोच निर्मित होती हैं। ये छद्म गुरुओं के प्रवचनों से हिंदूओं में धर्म निरपेक्षता निरोपित की जाती है जिसके कारण वे अन्य मत व संप्रदाय के लोगों के प्रति आकर्षित होते हैं। यहीं से लव जिहाद के लिए पृष्ठभूमि तैयार होती है। जिहादियों का हिंदूओं से मेल-जोल घर में आना चालू होता है। 

ईद की सिवैयां और दिवाली की मिठाइयां बांटी जाने लगती हैं। 

 जीवन की परेशानियां के समाधान खोजने के लिए ये जिहादी अपने हिंदूओं को अपने मजहब की तरफ आकर्षित करते हैं।

इसके लिए वे तंत्र मंत्र का भी सहारा लेते हैं। चूंकि हिंदू धर्म से विमुख होने के कारण फंस भी जाते हैं। आमतौर पर हिंदूओं को लगता है कि मुस्लिम तंत्र बहुत शक्तिशाली होता है और उसको करने से समस्या का समाधान जल्दी निकल जाता है जिसके कारण मौलवियों और आलिमों के यहां जाना चालू हो जाता है। 

इसका सबसे अधिक प्रभाव लड़कियों पर पड़ता है ये आसानी से इनका शिकार हो जाती है। 

    २) पहले हिंदू समाज के लोग इनका छुआ भी नहीं खाते थे और ये जो नियम बनाया गया था बहुत कुछ भुगतने के बाद बनाया गया था। पर हिंदू समाज ने इस नियम की अनदेखी करना चालू कर दिया तब से हिंदू समाज में जिहादियों की घुसपैठ चालू हो गई। मांसाहार करने के लिए भी बहुत से हिंदू इनके घरों व दुकानों पर जाते हैं। यदि एक हिंदू के घनिष्ठ मित्र अब्दुल मियां होंगे तो क्या उनकी बेटी को सलमान और इमरान क्यों नहीं पसंद आएंगे। सबसे पहले हमें हिंदूओं को जिहादियों से हर प्रकार से दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित करना होगा। 

  ३) हमारे जीवन में बहुत सी समस्याएं आती है उनमें से कुछ समस्याएं आध्यात्मिक भी होती है, कुछ ग्रहजनित भी होती हैं और कुछ समस्याएं तंत्र मंत्र से संबंधित होती है। आजकल अधिकांश हिंदू ऐसे बाबाओं से जुड़े हुए हैं जो ढोल मंजीरे बजाकर और कीर्तन के नाम पर उलझाएं रखते हैं और उन्हें अपने तथाकथित संप्रदाय का मंत्र जपने के लिए कहते हैं। 

इन सब तरीके से हल नहीं निकलता है तो हिंदू पीर फकीर के

पास जाने लगते हैं। इस्लामी तंत्र द्वारा कभी कभी थोड़े समय के लिए समाधान मिल भी जाता है जिसके कारण इनके प्रति हिंदूओं का विश्वास बढ़ता जाता है। जो कि एक बहुत बड़े ख़तरे की तरफ ले जाता है। इसका प्रभाव हिंदू नवयुवती पर बहुत पड़ता है। मुस्लिम वशीकरण के कारण बहुत सी विवाहित हिंदू महिलाएं भी शिकार हो रही है। लव जिहाद का एक ये भी कारण हैं। 

  ४) हिंदू समाज में बढते खुलेपन के कारण भी ये समस्या बढ़ रही है। हिंदू घरों में मुस्लिम युवकों का घर पर आना और हिंदू लड़कियों से मेल-जोल भी एक कारण है। हिंदू माता पिता का इन सब को अनदेखा करना भी एक कारण है। दिल्ली में एक मुस्लिम लड़के का हिंदू परिवार में आना जाना था। कुछ दिनों बाद उस लड़के ने उस हिंदू परिवार की लड़की की हत्या कर दी। 

बाद में पता चला कि उस जिहादी लडके और उस लड़की के बीच में कुछ बातचीत हुई और उस लड़के ने लड़की के भाई को कुछ लाने के लिए भेजा और उस लड़की की हत्या कर दी। जब हत्या हो गई तो उस हिंदू लड़की के पिता को अपराधी की सज़ा होने के बजाय सरकार से कुछ मुआवजा मिल जाए उस पर अधिक ध्यान था। इस प्रकरण पर ध्यान देने वाली बात ये है कि उस जिहादी लड़के का निःसंकोच आना जाना तथा हिंदू लड़की को अकेले उसके साथ छोड़ देना है। हिंदू अभिभावकों की उदासीनता के कारण भी ऐसी समस्याएं उत्पन्न होती है।

४) हिंदू परिवारों में भौतिक वाद बढ़ने से विवेक की कमी और समाज और धर्म के प्रति उदासीनता भी बहुत बड़ा कारण है। 

दिल्ली के एक दुकानदार जिसकी तीन बेटियां थी और तीनों ही  मुसलमान लड़को के साथ भाग गई थी। फिर एक धार्मिक संगठन ने उन लड़कियों को वापस लेकर आए और उनके माता-पिता को सौंप दिया। फिर उस संगठन के लोगों ने उन लड़कियों के माता-पिता से सम्पर्क किया और लड़कियों हाल चाल पूछा। उन लड़कियों की मां ने उस संगठन के लोगों पर ही शक करना चालू कर दिया और उन्हें भला बुरा कह दिया। बाद में पता चला कि उस परिवार की बड़ी बेटी फिर से उस मुसलमान लड़के के साथ भाग गई। धर्मविमुख होने के कारण आज हिंदूओं में शत्रु बोध और स्वयं बोध की भी कमी आ गई है। 

  ५) अधिकांश छद्म गुरु और कथावाचक अपने प्रवचनों में पीर फकीर के किस्से कहानियां और इस्लाम से जुड़े हुए लोगों के बारे में बताते हैं। इस्लाम का महिमा मंडन करना और ईश्वर और अल्लाह एक बताकर लोगों को भ्रमित करना। जिसके कारण हिंदूओं का इस्लाम के प्रति झुकाव होने लगता है। हमारी लड़कियों को मुस्लिमो के प्रति आकर्षण बढ़ने लगता है। 

६) हिंदू घरों में घटती परिवार जनों की संख्या भी एक कारण है।

जिहादियों ने लक्ष्य बनाया है कि हिंदू के घर में दो बच्चे हैं। लडके को मार दो और लडकी को उठा लो। जो मां बाप होंगे वो अपने आप मर जाएंगे या परिस्थितियों से समझौता कर लेंगे और बाद में जो भी धन सम्पत्ति है वो लूट लो। छोटे परिवार में प्रतिरोध की क्षमता कम होती है। 

७) मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं के बारे में सुहानुभूति होना भी एक कारण है। ये मुस्लिम लड़कियां पहले हिंदू लड़कियों से दोस्ती करतीं हैं फिर उन्हें अपने करीबी मुस्लिम लड़के से मिलवाती है और फिर इस षडयंत्र में फंसाती है। हमें ये समझाना होगा कि सलीम ही नहीं सलमा भी उतनी ही ख़तरनाक है। 

८) हमारे समाज में आने वाले खतरों और समस्याओं के बारे में चर्चा और विश्लेषण बहुत कम हो गया है। आर्थिक लूट मची होने के कारण और आधुनिकता की होड़ ने हिंदूओं को एकाकी बना दिया है। जिसके कारण विधर्मी हमारे समाज में घुसपैठ कर रहे हैं। इनके बारे में चर्चा न होने के कारण आगामी खतरों के बारे में अनुमान नहीं लगा पाते हैं और षडयंत्र में फस जाते हैं। समाज पर आने वाले खतरों के बारे में चर्चा बहुत आवश्यक है। छोटे छोटे समूह बनाकर इसकी चर्चा करना बहुत आवश्यक है। हालांकि इन्टरनेट आने के बाद थोड़ा सकारात्मक बदलाव आया है। 

९) आजकल शिक्षा संस्थानों में और कोचिंग सेंटर इत्यादि में भी जिहाद फैलाया जा रहा है। जहां पर भी हिंदू एकत्रित होते हैं वहां पर धीरे धीरे जिहादी विचार धारा अपना प्रभाव बनाती जा रही है और हिंदुओं का ब्रेनवाश कर रही है। हमारे समाज में ही कुछ ऐसे लोग हैं जो इनकी घुसपैठ में सहायता करतें हैं। 

१०)। बालीवुड भी एक बहुत बड़ा कारण है लव जिहाद को बढ़ाने के लिए। बालीवुड में पूरा जिहादियों का कब्ज़ा है। इसे समाप्त करने के लिए अभी तक कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई है। हमारे बच्चों का सबसे अधिक दिमाग बालीवुड ने ही ख़राब किया हुआ है। बालीवुड में जिहादियों का कब्ज़ा है। आजकल बालीवुड में ऐसी फिल्में बन रही है जिसमें नायक मुस्लिम और नायिका धर्म निरपेक्ष हिंदू होती है और दोनों को प्यार होता है और दोनों अपने अपने पंथ को मानते हैं। अधिकांश टीवी सीरियल में भी नायक की भूमिका निभाने वाले मुस्लिम ही हैं। जिसका प्रभाव हमारी लड़कियों पर पड़ता है। सबसे बड़ी बात ये है कि फिल्मो और टीवी धारावाहिक में दिखाए जाने वाली कहानियां के बारे में हमारी तरफ से कोई प्रतिरोध नहीं होता है बल्कि मूढ़ बन कर सभी देखते हैं और जानते भी यह सब ग़लत है फिर भी चुप रहना यह बहुत ही ख़तरनाक है।

११) हिंदू समाज में एक बात और देखने को मिली है कि कुछ हिंदू अपने धर्म को तो थोड़ा बहुत जानते हैं पर इस्लाम की सच्चाई से अनभिज्ञ हैं। वो इस्लाम को भी अच्छा मानते हैं और ये कहते हुए मिलते हैं कि धर्म कोई बुरा नहीं होता और सभी धर्म एक ही हैं। इस विचारधारा के कारण उन्हें समझाना कठिन हो जाता है। जिसके कारण जिहाद के ख़तरे को वो समझ नहीं पाते हैं। 

१२) स्त्रियों से संबंधित व्यवसाय में जिहादियों का बढते जाना भी लव जिहाद का कारण है। जिससे हिंदू घरों में इनकी घुसपैठ बढ़ गई है। 

१३) लव जिहाद में वो भी लड़कियां फस रही हैं जो पढ़ी लिखी और आत्मनिर्भर है। हिंदू लड़कियों को बचपन से धर्म की शिक्षा नहीं देना और उन्हें इस्लामिक जिहाद के ख़तरे की जानकारी से वंचित रखना एक बहुत बड़ा कारण है। आइएएस टीना डाबी इसका एक उदाहरण है। हिंदू सरकारी नौकरी पाने के लिए जो भी पढाई करते हैं उसमें लिखे झूठ को हमने अपने बच्चों तक पहुंचाया नहीं। हिंदू नौकरी पाने और करने में इतना तल्लीन है कि वो कुछ और देखना ही नहीं चाहता है कि उसके आस पास क्या हो रहा है।

१४) हिंदू समाज में बढता भोग विलास और भौतिक सुख सुविधा का जीवन जीने की इच्छा ने भी इस समस्या को बढ़ाया है। पढाई और नौकरी करने के लिए कुछ लड़कियां अपने गांव व शहर से बाहर निकलती हैं तो सुसंस्कार की कमी के कारण भी इन आसानी से फंस जाती हैं। आज से करीब दस वर्ष पूर्व एक नवयुवक अपने स्नातक की पढ़ाई पूरी करके पुणे शहर आया और एम बी ए के पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया। कोर्स पूरा होने के बाद वो नौकरी ढूंढने लगा। उसके साथ एक लड़की भी पढती थी और जो अपने भाई के साथ रहती थी। उसके पास एक स्कूटी थी। वो लड़की भी पुणे में नौकरी करने लगी। थोड़े दिन बाद उस लड़की की शादी दिल्ली में तय हो गई और वो लड़की दिल्ली चली गई पर जाने से पहले वो स्कूटी नहीं बेच सकी। इसके लिए उसने उस नवयुवक से सम्पर्क किया। उस नवयुवक ने एक ग्राहक भी ढूंढ लिया।स्कुटी बेचने के लिए जब कागज़ की जरूरत पड़ी तो उस लड़की ने बताया कि स्कूटी उसके भाई के नाम है और वो भी पूना में नहीं है। जब वो पूना आएगा तो कागज दे देगा पर उसका भाई पूना नहीं आया। तब उस नवयुवक ने उस लड़की को सम्पर्क किया और कहा आर टी ओ से डुप्लीकेट कागज बनवाए जा सकते हैं ।पर वो लड़की अपने भाई का नाम नहीं बता रही थी। पर कुछ दिनों बाद उस लड़की ने विवश हो कर नाम बताया तो पता चला कि वो स्कूटी एक मुस्लिम के नाम पर है और वो मुस्लिम व्यक्ति कोई और नहीं वही लड़का था जिसे वह अपना भाई बता रही थी जिसके साथ वो रहती थी। 

१५) हिंदू समाज में बढ़ती स्वछंदता के कारण भी ये समस्या अधिक फैल रही है। समाज में घटते नैतिक मूल्यों के कारण बहुत समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं जिसका समाधान निकालना बहुत मुश्किल हो रहा है। छत्तीसगढ़ की एक घटना घटित हुई जिसमें एक हिंदू लड़की थी जो पढी लिखी थी और नौकरी करती थी। वह लड़की नौकरी करने के बाद उसने अपने परिवार से दूरी बना ली। परिवार वालों ने उसे समझाने का बहुत प्रयास किया पर सब व्यर्थ हुआ। बाद में वह लड़की एक मुस्लिम लड़के के प्रेम प्रसंग में पड़ गई। कुछ दिनों के बाद उन दोनों में मनमुटाव सा होने लगा। उस लड़के के भाई की नजर भी उस लड़की पर थी। एक दिन उस लड़के से मिलने वह लड़की उसके घर पर गयी पर वो लड़का घर पर नहीं था बल्कि उस लड़के का भाई वहां पर था। लडके के भाई ने उसके साथ जबरदस्ती करनी चाही और उसका लडकी ने विरोध किया। फलस्वरूप उस लड़के के भाई ने उस लड़की को वहीं जिंदा जला दिया और उस लड़की की मृत्यु हो गई। जो लड़कियां अपने घर परिवार से दूर होती है वो लड़कियां आसानी से शिकार हो जाती हैं। 

१६) हमारे समाज में बढ़ती विचारशून्यता और विवेक का अभाव बहुत ही घातक है। इसका कारण वैचारिक रूप से प्रभावित करने वाले संसाधन वामपंथियों के हाथ में है जिसमें शिक्षा व्यवस्था और संचार माध्यम प्रमुख है। हिंदू लड़कियों और लड़कों को ऐसी शिक्षा दी जा रही है जिसमें पढ़ना लिखना और नौकरी ढूंढने के बारे जोर दिया जाता है। नौकरी मिलने के बाद घर परिवार से दूर हो जाए ऐसे विचार मन डालना। खास तौर लड़कियों को ये बताना कि उन्हें सदियों से पुरुष के अधिपत्य में रखा गया है लेकिन अब अपना जीवन अपने हिसाब से जीना है।

जिसके लिए परिवार और समाज का विरोध भी करना पड़े तो कोई ग़लती नही है। धार्मिक,समाजिक और नैतिक मूल्यों को जीवन में उतारा जाए इस व्यवस्था को विकसित ही नहीं होने दिया गया है। जिसके कारण विवेकशून्यता की स्थिति निर्मित हो रही है। छद्म नारीवाद भी बहुत बड़ा कारण है इस समस्या का।

१७) हिंदू ओं मे घटती नैतिकता और बढ़ती स्वार्थी प्रवृत्ति के कारण सही गलत की पहचान कम हो गई है। हमारे लडके लडकियां कम आयु से ही यौन क्रियाओं में लिप्त होने लगे हैं। हमारे बच्चों के आदर्श अब हमारे वीर पूर्वज नहीं रह गये हैं बल्कि विदेशी और आज के फ़ूहड़ चरित्र से अधिक प्रभावित हैं। हमें अपने समाज के लड़कों को भी अच्छा और मजबूत बनाने पर जोर देना चाहिए। हमारी लड़कियों की रक्षा में भाईयों का बहुत महत्व होता है। हमारे लडके यदि चरित्रवान और बलिष्ठ होंगे तो भी बहुत हद तक इस समस्या से निपटा जा सकता है। 

१८) लव जिहाद का एक कारण हिंदूओं का मुस्लिमो से अधिक मेल जोल का बढ़ना भी है। पहले हमारे बुजुर्ग इनका छुआ पानी भी नहीं पीते थे पर बालीवुड और धारावाहिको में  धर्म निरपेक्षता

और जिहादियों के महिमा मंडन होने से हिंदू भ्रमित हो गये हैं। हिंदूओं का इन लोगों से मित्रता और मेल जोल बहुत बढ़ गया है। 

ईद की सिवैयां खाने के लिए इनके घरों में जाने लगे हैं और दीवाली की मिठाइयां खिलाने के लिए अपने घर बुलाने लगे हैं।

जिसके कारण हमारे समाज में इनकी घुसपैठ बढ गई है। ये बात सच है कि शिक्षा संस्थानों में और व्यवसायिक स्थलों पर इनकी संख्या बढ रही है जिसके कारण इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है पर इनसे केवल अपने स्वार्थ पूर्ति तक ही संबंध रखना और फिर इनसे दूरी बनाकर रखना बहुत आवश्यक है। 

१९) बढता आर्थिक जिहाद भी जिहादियों के हाथ मजबूत कर रहा है जिसके कारण हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए आवश्यक धन जिहादी लड़कों को आसानी से प्राप्त होता है। हिंदू लड़कियों को फंसाकर, धर्मांतरण करके शादी करने के लिए एक निश्चित राशि दी जाती है और आवश्यक सहयोग दिया जाता है जिसके कारण इनके लडके इस कार्य के लिए तैयार रहते हैं। इनका आर्थिक बहिष्कार बहुत आवश्यक है हमें चाहिए कि हर संभव हम इनका आर्थिक बहिष्कार करें। 

२०) मुस्लिम समुदाय की संख्या जहां भी बढ़ती है। उनका एजेंडा शुरू हो जाता है। हिंदूओं को जानबूझकर अज्ञानता में रखा जाता है ताकि उनका षडयंत्र आसानी से चलता रहे। इसके लिए वो प्रशासन व नेता इत्यादि पर भी दबाव बनाकर रखते हैं। हिंदूओं के अधिकांश धार्मिक नेता व संगठन इस पर मौन रहते हैं। अधिकांश नेता व सरकारी अफ़सर भ्रष्ट होने के कारण ये जिहादीयो के समर्थन में रहते हैं। इस कारण भी लव जिहाद को प्रोत्साहन मिलता है।इस परिस्थिति को बदलना बहुत आवश्यक है।

   व्यावहारिक रूप से देखा जाए तो लव जिहाद के और भी बहुत से कारण हैं पर जो कारण मैंने बताएं है उन पर ध्यान दिया जाए तो बिना किसी बाहरी सहायता के हिंदू समाज बहुत हद तक लव जिहाद को रोक सकता है।

    









    


 


    


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