आर्थिक जिहाद भाग 3
आर्थिक जिहाद भाग 3 पिछले लेखों में हमने आर्थिक जिहाद को समझने का और कुछ समाधान के बारे में विचार किया था। अब हम यहां पर कुछ और बातों का विचार करेंगे। आर्थिक जिहाद अभी अपने प्रारम्भिक अवस्था में है, परंतु वह अपने पैर पसारने लगा है। भारत के पश्चिमी भाग विशेषकर गुजरात व राजस्थान में एक जिहादियों का विशेष वर्ग है जो राष्ट्रीय मार्ग पर अपने होटल और रेस्तरां खोले हुए हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन होटलों के नाम हमारे देवी देवताओं के नाम से होते हैं और हमारे देवी देवताओं की मूर्ति व चित्र भी लगे होते हैं। असली नाम यूपीआई द्वारा भुगतान करने पर पता चलता है। होटल इत्यादि खोलने के लिए हवाला इत्यादि से इन्हें काफी धन खाड़ी देशों से प्राप्त होता है। हमारी धार्मिक स्थलों पर भी ये सुनियोजित तरीके से बसते चले जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में उज्जैन, गुजरात में द्वारिका, उत्तराखंड में हरिद्वार में, वैष्णव देवी में तो ये पहले से ही हैं। इन धार्मिक स्थलों में पूजा पाठ का सामान, होटेल व वहां काम करने वाले नौकर, फूल बेचने वाले कामों में जिहादियों की संख्या बढती जा रही है। जो कि भविष्य में ह